श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 181: श्रीकृष्णद्वारा भगवान‍् शङ्करके माहात्म्यका वर्णन  »  श्लोक 35
 
 
श्लोक  13.181.35 
ततो ध्यात्वा च भगवान‍् ब्रह्मा तममितौजसम्।
अयं श्रेष्ठ इति ज्ञात्वा ववन्दे तमुमापतिम्॥ ३५॥
 
 
अनुवाद
तब ब्रह्माजी ने ध्यान करके परम तेजस्वी भगवान् उमा को पहचान लिया और उन्हें सब देवताओं में श्रेष्ठ जानकर उनकी पूजा की ॥35॥
 
Then Lord Brahma meditated and recognized the immensely illustrious Lord Uma and knowing that he is the greatest of all gods, he worshipped him. ॥ 35॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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