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श्लोक 13.15.221  |
कस्मादोषधिसम्पत्ति: को वा धारयते वसु।
प्रकामं क्रीडते को वा त्रैलोक्ये सचराचरे॥ २२१॥ |
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अनुवाद |
औषधियाँ, कृषि और फसलें किससे उत्पन्न होती हैं ? धन का पालन कौन करता है ? तीनों लोकों में समस्त जीव-जन्तुओं के साथ अपनी इच्छानुसार कौन क्रीड़ा करता है ?॥ 221॥ |
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From whom do medicines, agriculture and crops grow? Who sustains wealth? Who plays with all living and non-living creatures in the three worlds as per his will?॥ 221॥ |
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