श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 130: श्राद्धके विषयमें देवदूत और पितरोंका, पापोंसे छूटनेके विषयमें महर्षि विद्युत्प्रभ और इन्द्रका, धर्मके विषयमें इन्द्र और बृहस्पतिका तथा वृषोत्सर्ग आदिके विषयमें देवताओं, ऋषियों और पितरोंका संवाद  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  13.130.18 
कस्यचित् त्वथ कालस्य देवदूतो यदृच्छया।
स्थितो ह्यन्तर्हितो भूत्वा पर्यभाषत वासवम्॥ १८॥
 
 
अनुवाद
एक समय आकाश में अचानक एक देवदूत आया और इन्द्र से बोला- 18॥
 
Once upon a time, an angel suddenly arrived in the sky and said to Indra - 18॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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