श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 121: मांस न खानेसे लाभ और अहिंसाधर्मकी प्रशंसा  »  श्लोक 29
 
 
श्लोक  13.121.29 
अहिंसा परमो यज्ञस्तथाहिंसा परं फलम्।
अहिंसा परमं मित्रमहिंसा परमं सुखम्॥ २९॥
 
 
अनुवाद
अहिंसा परम त्याग है, अहिंसा परम फल है, अहिंसा परम मित्र है और अहिंसा परम सुख है ॥29॥
 
Nonviolence is the ultimate sacrifice, nonviolence is the ultimate fruit, nonviolence is the ultimate friend and nonviolence is the ultimate happiness. ॥29॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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