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श्लोक 13.12.51  |
पुरुषत्वं कथं त्यक्त्वा स्त्रीत्वं चोदयसे विभो।
एवमुक्त: प्रत्युवाच स्त्रीभूतो राजसत्तम:॥ ५१॥ |
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अनुवाद |
हे प्रभु! आप पुरुषत्व त्यागकर स्त्री क्यों बनना चाहते हैं?’ इन्द्र के ऐसा पूछने पर स्त्रीरूपी महामानव ने इस प्रकार उत्तर दिया - 51॥ |
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Lord! Why do you wish to give up manhood and become a woman?' When Indra asked this, the great human being in the form of a woman replied in this way - 51॥ |
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