श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 100: सबके पूजनीय और वन्दनीय कौन हैं—इस विषयमें इन्द्र और मातलिका संवाद  »  श्लोक d2
 
 
श्लोक  13.100.d2 
भीष्म उवाच
इतिहासमिमं विप्रा: कीर्तयन्ति पुराविद:।
अस्मिन्नर्थे महाप्राज्ञास्तं निबोध युधिष्ठिर॥
 
 
अनुवाद
भीष्मजी ने कहा - युधिष्ठिर! इस विषय की प्राचीन बातें जानने वाले महान विद्वान ब्राह्मण यह इतिहास कहते हैं। तुम उस इतिहास को सुनो।
 
Bhishmaji said – Yudhishthir! The great learned Brahmins who know the ancient things about this subject narrate this history. You listen to that history.
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.