श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 100: सबके पूजनीय और वन्दनीय कौन हैं—इस विषयमें इन्द्र और मातलिका संवाद  »  श्लोक d1
 
 
श्लोक  13.100.d1 
युधिष्ठिर उवाच
केषां देवा महाभागा: संनमन्ते महात्मनाम्।
लोकेऽस्मिंस्तानृषीन् सर्वान् श्रोतुमिच्छामि तत्त्वत:॥
 
 
अनुवाद
युधिष्ठिर ने पूछा- पितामह! इस संसार में महान देवता किन महात्माओं को अपना मस्तक झुकाते हैं? मैं उन सभी ऋषियों की सच्ची पृष्ठभूमि सुनना चाहता हूँ।
 
Yudhishthira asked- Grandfather! Which great souls do the great gods bow their heads to in this world? I want to hear the true background of all those sages.
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.