श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 10: अनधिकारीको उपदेश देनेसे हानिके विषयमें एक शूद्र और तपस्वी ब्राह्मणकी कथा  »  श्लोक 4
 
 
श्लोक  13.10.4 
उपदेशो न कर्तव्यो जातिहीनस्य कस्यचित्।
उपदेशे महान् दोष उपाध्यायस्य भाष्यते॥ ४॥
 
 
अनुवाद
नीच जाति के व्यक्ति को उपदेश नहीं देना चाहिए। उसे उपदेश देना उपदेशक के लिए बहुत बड़ा दोष कहा गया है ॥4॥
 
One should not preach to a person of a low caste. Preaching to him is said to be a great fault for the preacher. ॥4॥
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