श्री महाभारत » पर्व 13: अनुशासन पर्व » अध्याय 1: युधिष्ठिरको सान्त्वना देनेके लिये भीष्मजीके द्वारा गौतमी ब्राह्मणी, व्याध, सर्प, मृत्यु और कालके संवादका वर्णन » श्लोक 16 |
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| | श्लोक 13.1.16  | अत्राप्युदाहरन्तीममितिहासं पुरातनम्।
संवादं मृत्युगौतम्यो: काललुब्धकपन्नगै:॥ १६॥ | | | अनुवाद | इस विषय में विद्वान गौतमी ब्राह्मणी, शिकारी, सर्प, मृत्यु और काल के संवाद रूपी इस प्राचीन इतिहास का उदाहरण देती हैं ॥16॥ | | In this matter, the learned man Gautami gives the example of this ancient history in the form of dialogue between Brahmini, hunter, snake, death and time. 16॥ |
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