श्री महाभारत  »  पर्व 12: शान्ति पर्व  »  अध्याय 69: राजाके प्रधान कर्तव्योंका तथा दण्डनीतिके द्वारा युगोंके निर्माणका वर्णन  »  श्लोक 99
 
 
श्लोक  12.69.99 
कृतस्य करणाद् राजा स्वर्गमत्यन्तमश्नुते।
त्रेताया: करणाद् राजा स्वर्गं नात्यन्तमश्नुते॥ ९९॥
 
 
अनुवाद
सत्ययुग की रचना करने से राजा शाश्वत स्वर्ग को प्राप्त करता है। त्रेता की रचना करने से राजा स्वर्ग को प्राप्त करता है; परन्तु वह अक्षय नहीं है ॥99॥
 
By creating Satyayuga the king attains eternal heaven. By creating Treta, the king gets heaven; But it is not inexhaustible. 99॥
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.