श्री महाभारत  »  पर्व 12: शान्ति पर्व  »  अध्याय 69: राजाके प्रधान कर्तव्योंका तथा दण्डनीतिके द्वारा युगोंके निर्माणका वर्णन  »  श्लोक 91
 
 
श्लोक  12.69.91 
दण्डनीतिं परित्यज्य यदा कात्‍स्‍न्‍‍‍र्येन भूमिप:।
प्रजा: क्लिश्नात्ययोगेन प्रवर्तेत तदा कलि:॥ ९१॥
 
 
अनुवाद
जब राजा दण्ड की समस्त नीति त्यागकर अनुचित साधनों से अपनी प्रजा को कष्ट देने लगता है, तब कलियुग आरम्भ होता है ॥91॥
 
When the King abandons all policies of punishment and begins tormenting his subjects through inappropriate means, then the age of Kali begins. ॥91॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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