श्री महाभारत  »  पर्व 12: शान्ति पर्व  »  अध्याय 69: राजाके प्रधान कर्तव्योंका तथा दण्डनीतिके द्वारा युगोंके निर्माणका वर्णन  »  श्लोक 90
 
 
श्लोक  12.69.90 
अशुभस्य यदा त्वर्धं द्वावंशावनुवर्तते।
कृष्टपच्यैव पृथिवी भवत्यर्धफला तथा॥ ९०॥
 
 
अनुवाद
उस समय दो भाग पाप के बाद दो भाग पुण्य आता है। धरती जोतने और बोने से ही अन्न उत्पन्न होता है; परन्तु आधी फसल ही फलती है, आधी नष्ट हो जाती है॥90॥
 
At that time two parts of sin follow two parts of virtue. Grains are produced only by ploughing and sowing the earth; but only half the crop bears fruit, the other half is destroyed.॥90॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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