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पर्व 12: शान्ति पर्व
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अध्याय 69: राजाके प्रधान कर्तव्योंका तथा दण्डनीतिके द्वारा युगोंके निर्माणका वर्णन
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श्लोक 33
श्लोक
12.69.33
यदा तु पीडितो राजा भवेद् राज्ञा बलीयसा।
तदाभिसंश्रयेद् दुर्गं बुद्धिमान् पृथिवीपति:॥ ३३॥
अनुवाद
जब पृथ्वी का रक्षक बुद्धिमान राजा किसी अत्यन्त शक्तिशाली राजा से पीड़ित हो जाए, तब उसे अवश्य ही किसी दुर्ग में आश्रय लेना चाहिए ॥33॥
When a wise King, the protector of the Earth, is troubled by a very powerful king, then he must take shelter in a fort. ॥ 33॥
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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