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श्लोक 12.317.13-14h  |
ऊर्णनाभेर्यथा चक्रं छिद्रं सोमं प्रपश्यति॥ १३॥
तथैव च सहस्रांशुं सप्तरात्रेण मृत्युभाक्। |
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अनुवाद |
जो व्यक्ति सूर्य और चंद्रमा को मकड़ी के जाल की तरह छिद्रों से भरा हुआ देखता है, उसकी मृत्यु सात रातों में हो जाती है। |
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A person who sees the Sun and Moon as full of holes like a spider's web will die in seven nights. 13 1/2 |
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