श्री महाभारत  »  पर्व 11: स्त्री पर्व  »  अध्याय 20: गान्धारीद्वारा श्रीकृष्णके प्रति उत्तरा और विराटकुलकी स्त्रियोंके शोक एवं विलापका वर्णन  »  श्लोक 5
 
 
श्लोक  11.20.5 
तमेषा हि समागम्य भार्या भर्तारमन्तिके।
विराटदुहिता कृष्ण पाणिना परिमार्जति॥ ५॥
 
 
अनुवाद
श्री कृष्ण! यह विराट की पुत्री और अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा अपने पति के पास जाकर उनके शरीर को सहला रही है॥5॥
 
Shri Krishna! This Uttara, the daughter of Virat and wife of Abhimanyu, has gone near her husband and is caressing his body. ॥ 5॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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