श्री महाभारत  »  पर्व 11: स्त्री पर्व  »  अध्याय 20: गान्धारीद्वारा श्रीकृष्णके प्रति उत्तरा और विराटकुलकी स्त्रियोंके शोक एवं विलापका वर्णन  »  श्लोक 4
 
 
श्लोक  11.20.4 
एषा विराटदुहिता स्नुषा गाण्डीवधन्वन:।
आर्ता बालं पतिं वीरं दृष्ट्वा शोचत्यनिन्दिता॥ ४॥
 
 
अनुवाद
राजा विराट की पुत्री और गांडीवधारी अर्जुन की पुत्रवधू, पतिव्रता उत्तरा, अपने युवा पति वीर अभिमन्यु को मरा हुआ देखकर शोक प्रकट कर रही है॥4॥
 
The chaste and faithful Uttara, daughter of King Virata and daughter-in-law of Gandiva-wielding Arjun, is expressing her grief on seeing her young husband, the brave Abhimanyu, dead. ॥ 4॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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