श्री महाभारत  »  पर्व 11: स्त्री पर्व  »  अध्याय 20: गान्धारीद्वारा श्रीकृष्णके प्रति उत्तरा और विराटकुलकी स्त्रियोंके शोक एवं विलापका वर्णन  »  श्लोक 21
 
 
श्लोक  11.20.21 
दृष्ट्वा बहुभिराक्रन्दे निहतं त्वां पिता तव।
वीर: पुरुषशार्दूल: कथं जीवति पाण्डव:॥ २१॥
 
 
अनुवाद
‘युद्धभूमि में अनेक महारथियों द्वारा तुम्हें मारा हुआ देखकर तुम्हारे पिता वीर पाण्डव अर्जुन किस प्रकार जीवित हैं?॥ 21॥
 
‘How is your father, the brave Pandava Arjuna, living after seeing you killed by so many great warriors on the battlefield?॥ 21॥
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.