श्री महाभारत  »  पर्व 1: आदि पर्व  »  अध्याय 174: वसिष्ठजीके अद्‍भुत क्षमा-बलके आगे विश्वामित्रजीका पराभव  »  श्लोक 43-44h
 
 
श्लोक  1.174.43-44h 
सा गौस्तत् सकलं सैन्यं कालयामास दूरत:।
विश्वामित्रस्य तत् सैन्यं काल्यमानं त्रियोजनम्॥ ४३॥
क्रोशमानं भयोद्विग्नं त्रातारं नाध्यगच्छत।
 
 
अनुवाद
इस प्रकार नंदिनी गाय ने उनकी सारी सेना को भगा दिया। विश्वामित्र की सेना तीन योजन दूर तक खदेड़ दी गई। सेना भयभीत होकर चीखती-चिल्लाती रही, परन्तु उसे कोई रक्षक न मिला।
 
In this way Nandini cow drove away his entire army. Vishwamitra's army was chased away for three yojanas. The army was frightened and kept screaming and shouting; but it did not find any protector.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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