श्रीमद् भगवद्-गीता » अध्याय 9: परम गुह्य ज्ञान » श्लोक 17 |
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| | श्लोक 9.17  | पिताहमस्य जगतो माता धाता पितामह: ।
वेद्यं पवित्रम् ॐकार ऋक् साम यजुरेव च ॥ १७ ॥ | | | अनुवाद | मैं इस जगत का पिता, माता, आधार और पितामह हूँ। मैं ज्ञान का विषय, पवित्र करने वाला और ॐ अक्षर हूँ। मैं ऋग्, साम और यजुर्वेद भी हूँ। | | I am the father, mother, shelter and grandfather of this universe. I am the knowable, purifier and Omkar. I am also the Rigveda, Samveda and Yajurveda. |
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