श्रीमद् भगवद्-गीता » अध्याय 7: भगवद्ज्ञान » श्लोक 26 |
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| | श्लोक 7.26  | वेदाहं समतीतानि वर्तमानानि चार्जुन ।
भविष्याणि च भूतानि मां तु वेद न कश्चन ॥ २६ ॥ | | | अनुवाद | हे अर्जुन! भगवान् होने के नाते, मैं भूतकाल में जो कुछ हुआ है, वर्तमान में जो कुछ हो रहा है, तथा भविष्य में जो कुछ घटित होगा, उसे जानता हूँ। मैं समस्त जीवों को भी जानता हूँ; किन्तु मुझे कोई नहीं जानता। | | O Arjuna! As the Supreme Lord, I know everything that has happened in the past, what is happening in the present and what is going to happen in the future. I also know all living beings, but no one knows me. |
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