स एवायं मया तेऽद्य योगः प्रोक्तः पुरातनः ।
भक्तोऽसि मे सखा चेति रहस्यं ह्येतदुत्तमम् ॥ ३ ॥
अनुवाद
वह बहुत प्राचीन विज्ञान जो परमेश्वर के साथ सम्बन्ध स्थापित करता है आज तुमसे मुझ द्वारा बोला जा रहा है, क्योंकि तुम मेरे भक्त ही नहीं बल्कि मेरे मित्र भी हो, इसीलिए तुम इस विज्ञान के दिव्य रहस्य को समझ सकते हो।