वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भगवद्-गीता
»
अध्याय 4: दिव्य ज्ञान
»
श्लोक 1
श्लोक
4.1
श्रीभगवानुवाच
इमं विवस्वते योगं प्रोक्तवानहमव्ययम् ।
विवस्वान्मनवे प्राह मनुरिक्ष्वाकवेऽब्रवीत् ॥ १ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा—मैंने इस शाश्वत योगविद्या का उपदेश सूर्यदेव विवस्वान् को दिया, विवस्वान् ने इसे मानव जाति के पिता मनु को उपदेश दिया और मनु ने बदले में इक्ष्वाकु को उपदेश दिया।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.