हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्ग जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम् ।
तस्मादुत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चयः ॥ ३७ ॥
अनुवाद
हे कुन्तीपुत्र! युद्ध में या तो तुम मारे जाओगे और स्वर्ग प्राप्त करोगे, या तुम पृथ्वी के राज्य को जीतकर उसका भोग करोगे। अतः दृढ़ संकल्प करके खड़े हो जाओ और युद्ध करो।