श्रीमद् भगवद्-गीता  »  अध्याय 2: गीता का सार  »  श्लोक 35
 
 
श्लोक  2.35 
 
 
भयाद्रणादुपरतं मंस्यन्ते त्वां महारथाः ।
येषां च त्वं बहुमतो भूत्वा यास्यसि लाघवम् ॥ ३५ ॥
 
अनुवाद
 
  जिन महान योद्धाओं ने तुम्हारे नाम और यश का सम्मान किया है, वे यह सोचेंगे कि तुम डर के कारण युद्ध का मैदान छोड़कर भाग गए हो, और इस तरह वे तुम्हें तुच्छ समझेंगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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