श्रीमद् भगवद्-गीता  »  अध्याय 2: गीता का सार  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  2.23 
 
 
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः ।
न चैनं क्ल‍ेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ॥ २३ ॥
 
अनुवाद
 
  आत्मा को कभी भी किसी हथियार से काटा नहीं जा सकता, आग से जलाया नहीं जा सकता, पानी से भीगा नहीं जा सकता और हवा से सुखाया नहीं जा सकता।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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