श्रीमद् भगवद्-गीता » अध्याय 17: श्रद्धा के विभाग » श्लोक 8 |
|
| | श्लोक 17.8  | आयु:सत्त्वबलारोग्यसुखप्रीतिविवर्धना: ।
रस्या: स्निग्धा: स्थिरा हृद्या आहारा: सात्त्विकप्रिया: ॥ ८ ॥ | | | अनुवाद | सतोगुणी लोगों को प्रिय भोजन आयु बढ़ाता है, जीवन को शुद्ध करता है, बल, स्वास्थ्य, सुख और संतुष्टि प्रदान करता है। ऐसा भोजन रसीला, स्निग्ध, स्वास्थ्यवर्धक और हृदय को प्रसन्न करने वाला होता है। | | The food which is liked by Sattvik people, increases longevity, purifies life and provides strength, health, happiness and satisfaction. Such food is juicy, smooth, healthy and pleasing to the heart. |
| ✨ ai-generated | |
|
|