ऊर्ध्वं गच्छन्ति सत्त्वस्था मध्ये तिष्ठन्ति राजसा: ।
जघन्यगुणवृत्तिस्था अधो गच्छन्ति तामसा: ॥ १८ ॥
अनुवाद
सतोगुणी लोग क्रमशः ऊँचे लोकों में ऊपर जाते हैं, रजोगुणी इस पृथ्वीलोक में ही रहते हैं, और जो अत्यंत गर्हित तमोगुण में स्थित होते हैं, वे नीचे नरक लोकों में चले जाते हैं।