श्रीमद् भगवद्-गीता » अध्याय 14: प्रकृति के तीन गुण » श्लोक 11 |
|
| | श्लोक 14.11  | |  | | सर्वद्वारेषु देहेऽस्मिन्प्रकाश उपजायते ।
ज्ञानं यदा तदा विद्याद्विवृद्धं सत्त्वमित्युत ॥ ११ ॥ | | अनुवाद | | सतोगुण की अभिव्यक्ति को तभी अनुभव किया जा सकता है, जब व्यक्ति ज्ञान से परिपूर्ण हो और उसका शरीर ज्ञान के प्रकाश से आलोकित हो। | |
| |
|
|