श्रीमद् भगवद्-गीता  »  अध्याय 14: प्रकृति के तीन गुण  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  14.1 
श्रीभगवानुवाच
परं भूय: प्रवक्ष्यामि ज्ञानानां ज्ञानमुत्तमम् । ‍‍ ॥
यज्ज्ञात्वा मुनय: सर्वे परां सिद्धिमितो गता: ॥ १ ॥
 
 
अनुवाद
भगवान ने कहा: मैं तुम्हें पुनः यह परम ज्ञान बताऊंगा, जो समस्त ज्ञानों में श्रेष्ठ है, जिसे जानकर सभी ऋषियों ने परम सिद्धि प्राप्त कर ली है।
 
God said – Now I will tell you again about this supreme knowledge which is the best of all knowledge, after knowing which all the sages have attained supreme success.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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