श्रीमद् भगवद्-गीता » अध्याय 11: विराट रूप » श्लोक 9 |
|
| | श्लोक 11.9  | सञ्जय उवाच
एवमुक्त्वा ततो राजन्महायोगेश्वरो हरि: ।
दर्शयामास पार्थाय परमं रूपमैश्वरम् ॥ ९ ॥ | | | अनुवाद | संजय ने कहा: हे राजन! ऐसा कहकर समस्त योगशक्ति के स्वामी भगवान ने अर्जुन को अपना विश्वरूप दिखाया। | | Sanjay said- O King! Saying this, Lord Mahayogeshwar showed his cosmic form to Arjun. |
| ✨ ai-generated | |
|
|