वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भगवद्-गीता
»
अध्याय 1: युद्धस्थल परीक्षण एवं अर्जुन विषाद योग
»
श्लोक 29
श्लोक
1.29
वेपथुश्च शरीरे मे रोमहर्षश्च जायते ।
गाण्डीवं स्रंसते हस्तात्त्वक्चैव परिदह्यते ॥ २९ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
मेरा सम्पूर्ण शरीर कंपकंपा रहा है, मेरे रोएँ खड़े हो रहे हैं, मेरा गाण्डीव धनुष मेरे हाथ से फिसल रहा है और मेरी देह झुलस रही है।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.