श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 3: अन्त्य लीला  »  अध्याय 9: गोपीनाथ पट्टनायक का उद्धार  »  श्लोक 46
 
 
श्लोक  3.9.46 
“গোপীনাথ-পট্টনাযক — সেবক তোমার
সেবকের প্রাণ-দণ্ড নহে ব্যবহার
“गोपीनाथ - पट्टनायक - सेवक तोमार।
सेवकेर प्राण - दण्ड नहे व्यवहार” ॥46॥
 
अनुवाद
उन्होंने कहा, "गोपीनाथ पट्टनायक आपका आज्ञाकारी सेवक हैं। एक सेवक को मौत की सज़ा देना उचित व्यवहार नहीं है।
 
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