श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 3: अन्त्य लीला  »  अध्याय 6: श्री चैतन्य महाप्रभु तथा रघुनाथ दास गोस्वामी की भेंट  »  श्लोक 242
 
 
श्लोक  3.6.242 
হেন-কালে আইলা সব গৌডের ভক্ত-গণ
পূর্ববত্ প্রভু সবায করিলা মিলন
हेन - काले आइला सब गौड़ेर भक्त - गण ।
पूर्ववत् प्रभु सबाय करिला मिलन ॥242॥
 
अनुवाद
इस बार बंगाल से समस्त भक्त आ पहुँचे और श्री चैतन्य महाप्रभु पूर्ववत उन सभी से हार्दिक प्रेम से मिले।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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