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अध्याय 6: श्री चैतन्य महाप्रभु तथा रघुनाथ दास गोस्वामी की भेंट
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श्लोक 193
श्लोक
3.6.193
প্রভু কহে, — “কৃষ্ণ-কৃপা বলিষ্ঠ সবা হৈতে
তোমারে কাডিল বিষয-বিষ্ঠা-গর্ত হৈতে”
प्रभु कहे, - “कृष्ण - कृपा बलिष्ठ सबा हैते ।
तोमारे काड़िल विषय - विष्ठा - गर्त हैते” ॥193॥
अनुवाद
श्री चैतन्य महाप्रभु ने कहा, "भगवान कृष्ण की दया सबसे बलशाली है। इसलिए भगवान ने आपको भौतिकतावादी जीवन के उस गड्ढे से उबारा है, जहाँ लोग शौच करते हैं।"
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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