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श्लोक 3.6.175  |
উপবাসী দেখি’ গোপ দুগ্ধ আনি’ দিলা
সেই দুগ্ধ পান করি’ পডিযা রহিলা |
उपवासी देखि’ गोप दुग्ध आनि’ दिला ।
सेइ दुग्ध पान करि’ पड़िया रहिला ॥175॥ |
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अनुवाद |
जब गोवालों ने देखा कि रघुनाथ दास उपवास कर रहे हैं, तो उन्होंने उन्हें कुछ दूध दिया। रघुनाथ दास ने वह दूध पीकर विश्राम करने के लिए वहीं लेट गए। |
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