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श्लोक 3.6.168  |
অর্ধ-পথে রঘুনাথ কহে গুরুর চরণে
“আমি সেই বিপ্রে সাধি’ পাঠাইমু তোমা স্থানে |
अर्ध - पथे रघुनाथ कहे गुरुर चरणे ।
‘आमि सेइ विप्रे साधि’ पाठाइमु तोमा स्थाने ॥168॥ |
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अनुवाद |
आधा रास्ता पार करके रघुनाथ दास ने अपने गुरु के चरणों में निवेदन किया, "मैं उस ब्राह्मण के घर जाऊँगा और उसे लौटने के लिए मनाऊँगा तथा उसे आप के घर भेज दूँगा।" |
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