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श्लोक 3.6.108  |
মহাপ্রভু আসি’ সেই আসনে বসিল
দেখি’ রাঘবের মনে আনন্দ বাডিল |
महाप्रभु आसि’ सेइ आसने वसिल ।
देखि’ राघवेर मने आनन्द बाड़िल ॥108॥ |
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अनुवाद |
श्री चैतन्य महाप्रभु वहाँ आ पहुँचे और अपने आसन पर बैठ गए। यह देखकर राघव पंडित को प्रसन्नता हुई। |
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