মহাপ্রভু তাঙ্র নৃত্য করেন দরশন
সবে নিত্যানন্দ দেখে, না দেখে অন্য-জন
महाप्रभु ताँर नृत्य करेन दरशन ।
सबे नित्यानन्द देखे, ना देखे अन्य - जन ॥103॥
अनुवाद
श्री चैतन्य महाप्रभु श्री नित्यानन्द प्रभु के नृत्य को देख रहें थे। श्री नित्यानन्द प्रभु उन्हें देख सके, परन्तु अन्य कोई भी उन्हें नृत्य करते हुए नहीं देख सका।