श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 3: अन्त्य लीला  »  अध्याय 5: प्रद्युम्न मिश्र का रामानन्द राय से उपदेश लेना  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  3.5.6 
কৃষ্ণ-কথা শুনিবারে মোর ইচ্ছা হয
কৃষ্ণ-কথা কহ মোরে হঞা সদয”
कृष्ण - कथा शुनिबारे मोर इच्छा हय ।
कृष्ण - कथा कह मोरे ह ञा सदय ॥6॥
 
अनुवाद
"मैं सदा प्रभु कृष्ण की कहानियाँ सुनना चाहता हूँ। मेरी प्रार्थना है कि आप मुझपर दया करें और मुझे कृष्ण के विषय में कुछ बताएँ।"
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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