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श्लोक 3.5.34  |
তবে মিশ্র রামানন্দের বৃত্তান্ত কহিলা
শুনি’ মহাপ্রভু তবে কহিতে লাগিলা |
तबे मिश्र रामानन्देर वृत्तान्त कहिला ।
शुनि’ महाप्रभु तबे कहिते लागिला ॥34॥ |
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अनुवाद |
उसके बाद प्रद्युम्न मिश्र ने श्री रामानंद राय के कार्यों का वर्णन किया। इन्हें सुनकर श्री चैतन्य महाप्रभु ने बोलना शुरू कर दिया। |
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