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लीला 3: अन्त्य लीला
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अध्याय 5: प्रद्युम्न मिश्र का रामानन्द राय से उपदेश लेना
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श्लोक 31
श्लोक
3.5.31
মিশ্র কহে, — “তোমা দেখিতে হৈল আগমনে
আপনা পবিত্র কৈলুঙ্ তোমার দরশনে”
मिश्र कहे , - “तोमा देखिते हैल आगमने ।
आपना पवित्र कैलुँ तोमार दरशने” ॥31॥
अनुवाद
प्रद्युम्न मिश्र ने उत्तर दिया, "मैं तो बस आपको देखने आया था और आपका दर्शन कर के अब मैं अपने आप को पवित्र मानता हूँ।"
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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