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श्लोक 81
श्लोक
3.20.81
যাবত্ বুদ্ধির গতি, ততেক বর্ণিলুঙ্
সমুদ্রের মধ্যে যেন এক কণ ছুঙিলুঙ্
यावत् बुद्धिर गति, ततेक वर्णि लुँ ।
समुद्रेर मध्ये येन एक कण छुडिलुँ ॥81॥
अनुवाद
मैंने अपनी समझ के अनुसार उनका वर्णन करने का प्रयत्न किया है, जैसे कि मैं महान सागर के बीच एक बूँद को छूने का प्रयास कर रहा हूँ।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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