श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 3: अन्त्य लीला  »  अध्याय 20: शिक्षाष्टक प्रार्थनाएँ  »  श्लोक 42
 
 
श्लोक  3.20.42 
কৃষ্ণ উদাসীন হ-ইলা করিতে পরীক্ষণ
সখী সব কহে, — ‘কৃষ্ণে কর উপেক্ষণ’
कृष्ण उदासीन ह - इला करिते परीक्षण ।
सखी सब कहे , - ’कृष्णे कर उपेक्षण’ ॥42॥
 
अनुवाद
“मेरे प्रेम की परीक्षा लेने के लिए भगवान कृष्ण मुझसे उदासीन हो गये हैं और मेरी सखियाँ कहती हैं, ‘उनकी उपेक्षा करना ही उचित होगा।’
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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