श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 3: अन्त्य लीला  »  अध्याय 2: छोटे हरिदास को दण्ड  »  श्लोक 44
 
 
श्लोक  3.2.44 
শ্রীকান্ত আসিযা গৌডে সন্দেশ কহিল
শুনি’ ভক্ত-গণ-মনে আনন্দ হ-ইল
श्रीकान्त आसिया गौड़े सन्देश कहिल ।
शुनि’ भक्त - गण - मने आनन्द हइल ॥44॥
 
अनुवाद
जब श्रीकान्त सेन बंगाल वापस लौटे और यह खबर दी, तो सभी भक्तों के मन अतीव प्रसन्न हो गए।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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