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श्लोक 30
श्लोक
3.2.30
ব্রহ্মচারী বলে, — “তুমি করিলা সṁশয
এক-মনা হঞা শুন তাহার নিশ্চয
ब्रह्मचारी बले , - “तुमि करिला संशय ।
एक - मना हञा शुन ताहार निश्चय” ॥30॥
अनुवाद
नकुल ब्रह्मचारी ने कहा, "मुझे ज्ञात है कि तुम्हारे मन में शंका है। अब इस प्रमाण को पूरे ध्यान से सुनो।"
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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