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श्लोक 29
श्लोक
3.2.29
শুনি’, শিবানন্দ সেন তাঙ্হা শীঘ্র আইল
নমস্কার করি’ তাঙ্র নিকটে বসিল
शुनि’, शिवानन्द सेन ताँहा शीघ्र आइल ।
नमस्कार करि’ ताँर निकटे वसिल ॥29॥
अनुवाद
उनकी आवाज सुनकर शिवानंद सेन फौरन वहां पहुंचे, उन्होंने नकुल ब्रह्मचारी को प्रणाम किया और उनके पास बैठ गए।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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