श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 3: अन्त्य लीला  »  अध्याय 2: छोटे हरिदास को दण्ड  »  श्लोक 171
 
 
श्लोक  3.2.171 
বিশ্বাস করিযা শুন চৈতন্য-চরিত
তর্ক না করিহ, তর্কে হবে বিপরীত
विश्वास करिया शुन चैतन्य - चरित ।
तकर् ना करिह, तकर्ेहबे विपरीत ॥171॥
 
अनुवाद
कृपया श्री चैतन्य महाप्रभु की लीलाओं को श्रद्धा और विश्वास के साथ सुनें। तर्क न करें, क्योंकि तर्क करने से विपरीत परिणाम मिलेगा।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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