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श्लोक 3.2.152  |
শুনি’ মহাপ্রভু ঈষত্ হাসিযা রহিলা
সব ভক্ত-গণ মনে বিস্ময হ-ইলা |
शुनि’ महाप्रभु ईषत् हासिया रहिला ।
सब भक्त - गण मने विस्मय हइला ॥152॥ |
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अनुवाद |
भक्तों को शोक से व्यथित देखकर श्री चैतन्य महाप्रभु हलके-हलके मुस्कुरा रहे थे। यह देखकर सभी भक्त चकित हो गए। |
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