श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 3: अन्त्य लीला  »  अध्याय 19: श्री चैतन्य महाप्रभु का अचिन्त्य व्यवहार  »  श्लोक 8
 
 
श्लोक  3.19.8 
যে-দিনে তোমার ইচ্ছা করাইতে ভোজন
সে-দিনে আসি’ অবশ্য করিযে ভক্ষণ
ये - दिने तोमार इच्छा कराइते भोजन ।
से - दिने आ सि’ अवश्य करिये भक्षण ॥8॥
 
अनुवाद
“यदि तुम कभी मुझे भोजन कराना चाहो, तो मैं ज़रूर आऊंगा और तुम जो भी चढ़ाओगे, उसे स्वीकार करूंगा।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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