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श्लोक 3.19.24  |
জানিযাও স্বরূপ গোসাঞি প্রভুরে পুছিল
‘এই তরজার অর্থ বুঝিতে নারিল’ |
जानियाओ स्वरूप गोसाञि प्रभुरे पुछिल ।
‘एइ तरजार अर्थ बुझिते नारिल’ ॥24॥ |
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अनुवाद |
स्वरूप दामोदर गोस्वामी ने रहस्य बोध होने के बावजूद भी महाप्रभु से पूछा, "इस पद का अर्थ क्या है? यह मेरी समझ के परे है।" |
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